बेताबी
केहनेको तुम पास नहीं, पर तुम्हारी खुशबू है यहां.
होटोंकी दो पंखडी चूमनेको बेताब,
गालोंकी गुलाबी चुरानेको बेताब,
यह बेताबी नहीं ईश्ककी नादानी है.
हुस्नको यह बात कब समझ आनी है
नादान ही सही ईश्क तो हुस्न का दिवाना है
न जाने कब हमारा मिलन होना है !
उम्र ढल रही है पर दिल जवान है,
हुस्न को प्यार करने इश्क बेताब है,
कितना मुष्कील है आपसे दूर रेहना..
मालूम है ??
वो नज़दीक नहीं
मिलना तो दूर दीदार भी नहीं,
कैसे गले लगाए जब वो नज़दीक ही नहीं.
प्यारमे इश्क के तरसनेसे दर्द होता है,
क्या यह वो जालीम हुस्न जानता है ?
ओ बलखाते बादल मेरे चांद को ना छुपाना,
अभी अभी तो दिदार हुए हैं
जरा जी भर के देख तो लूं….आखोंमे छुपा तो लूं !
दिल को छु गयी
ReplyDeleteWah....shayar usi se puchta hai..Maloom hai?
ReplyDeleteWah Wah kya baat hai umar pachpan ki dil bachpan ka.So romantic
ReplyDeleteYoung at heart.. always....keep it up
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