Wednesday, September 16, 2020

जिंदगी और दर्द

 

जिंदगी और दर्द

क्युं कोई मेरे साथ परेशान रहे

जिंदगी अकेले जी लेंगे, कोई परेशान क्युं रहे.

अबतक जीते आए गम पिते आए, थोडा और गम सही

कोई मेरेलिये परेशान क्युं रहे.

जिंदगीमे कई मोड आए, कुछ अच्छे कुछ बुरे.

कई लोग मिले, कुछ अच्छे कुछ बुरे कुछ प्यारे.

पर दर्द सिर्फ प्यारोंने दिया,

शायद मेरे प्यारमे कमी रही.

ऐ जिंदगी और कितने गम देगी

क्या मेरी 'जान' से अलग करके ही थमेगी ?

अब थक गया हूं झूंझते, झूंझनेकी ताकत न रही

कुछ पल मेरी ' जान' के साथ नही दे सकती ?

2 comments:

  1. दर्द और जिन्दगी एक बड़ा सच है वाह

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