जिंदगी और दर्द
क्युं कोई मेरे साथ परेशान
रहे
जिंदगी अकेले जी लेंगे,
कोई परेशान क्युं रहे.
अबतक जीते आए गम पिते आए,
थोडा और गम सही
कोई मेरेलिये परेशान क्युं
रहे.
जिंदगीमे कई मोड आए,
कुछ अच्छे कुछ बुरे.
कई लोग मिले,
कुछ अच्छे कुछ बुरे कुछ प्यारे.
पर दर्द सिर्फ प्यारोंने दिया,
शायद मेरे प्यारमे कमी रही.
ऐ जिंदगी और कितने गम देगी
क्या मेरी 'जान'
से अलग करके ही थमेगी ?
अब थक गया हूं झूंझते,
झूंझनेकी ताकत न रही
कुछ पल मेरी '
जान' के साथ नही दे सकती ?
खूप सुंदर
ReplyDeleteदर्द और जिन्दगी एक बड़ा सच है वाह
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